महाराज अग्रसेन जी की आरती

जय श्री अग्र हरे, स्वामी जय श्री अग्र हरे | कोटि कोटि नत मस्तक, कोटि कोटि नत मस्तक

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Last updated Thu, 23-Mar-2023 Hindi-gujarati

जय श्री अग्र हरे, स्वामी जय श्री अग्र हरे |

कोटि कोटि नत मस्तक, कोटि कोटि नत मस्तक,

सादर नमन करें ||

जय श्री अग्र हरे………………

आश्विन शुक्ल एकं, नृप वल्लभ जय |

अग्र वंश संस्थापक, नागवंश ब्याहे ||

जय श्री अग्र हरे………………

केसरिया थ्वज फहरे, छात्र चवंर धारे |

झांझ, नफीरी नौबत बाजत तब द्वारे

जय श्री अग्र हरे………………

अग्रोहा राजधानी, इंद्र शरण आये |

गोत्र अट्ठारह अनुपम, चारण गुंड गाये ||

जय श्री अग्र हरे………………

सत्य, अहिंसा पालक, न्याय, नीति, समता |

ईंट, रूपए की रीति, प्रकट करे ममता ||

जय श्री अग्र हरे………………

ब्रह्मा, विष्णु, शंकर, वर सिंहनी दीन्हा |

कुल देवी महामाया, वैश्य करम कीन्हा ||

जय श्री अग्र हरे………………

अग्रसेन जी की आरती, जो कोई नर गाये |

कहत त्रिलोक विनय से सुख संम्पति पाए ||

जय श्री अग्र हरे………………